इस रक्षाबंधन पर लाल कलर का धागा बांधने के फयदे >
भारतीय संस्कृति में लाल रंग को शक्ति ऊर्जा समर्पण और शुभता का प्रतीक माना जाता है। इसे देवी-देवताओं विशेषकर देवी दुर्गा और भगवान विष्णु से भी जोड़ा जाता है। जब एक बहन अपने भाई की कलाई पर लाल धागे की राखी बाँधती है तो वह न केवल सुरक्षा की कामना करती है बल्कि उसके जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और हर संकट से सुरक्षा की भी कामना करती है

रक्षाबंधन भाई-बहन के पवित्र प्रेम और रक्षा के वचन का त्योहार है। इस दिन बहन अपने भाई की कलाई पर राखी बांधकर उसकी सुख-समृद्धि की कामना करती है। परंपरागत रूप से यह राखी लाल धागे (रक्षा सूत्र) से बनी होती है जिसे धर्म आस्था और रक्षा का प्रतीक माना जाता है।
यह लाल धागा जिसे मौली या कलावा भी कहते हैं कई धार्मिक अनुष्ठानों में इस्तेमाल किया जाता है। रक्षाबंधन के दिन भी राखी बाँधने से पहले इसे पूजा में शामिल किया जाता है। कुछ घरों में रक्षा सूत्र को मंत्रों से पवित्र करके बाँधा जाता है
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लाल धागा जीवन में सकारात्मकता बढ़ाता है और किसी भी प्रकार की बुरी नज़र नकारात्मक ऊर्जा या बुरे प्रभावों से रक्षा करता है। यह केवल एक आभूषण या सजावट का सामान नहीं बल्कि एक आध्यात्मिक सुरक्षा कवच है।
राखी की डिज़ाइन या सजावट चाहे जो भी हो, अगर उसमें लाल धागा हो तो उसे और भी पवित्र माना जाता है। यह धागा बहन के प्यार आशीर्वाद और ईश्वर की कृपा का प्रतीक है।
इस प्रकाररक्षाबंधनपर लाल धागा न केवल संस्कार और संस्कृति का प्रतीक है
रक्षाबन्धन भारतीय धर्म संस्कृति के अनुसार रक्षाबन्धन का त्योहार श्रावण माह की पूर्णिमा को मनाया जाता है। यह त्योहार भाई-बहन को स्नेह की डोर में बांधता है। इस दिन बहन अपने भाई के मस्तक पर टीका लगाकर रक्षा का बन्धन बांधती है, जिसे राखी कहते हैं। pic.twitter.com/e34g73GMca
— Galba Ram (@MaliGalba) August 7, 2025